सोमवार, दिसंबर 22, 2008

राजा को रानी से प्यार हो गया

कल रात ऑफिस से आकर इलाहाबाद एक मित्र को फ़ोन किया। कुछ देर इधर उधर की बात हुई उसके बाद मित्र ने पूंछही लिया की यार ये राधा मोहन का किस्सा क्या है। राधा मोहन से उसका मतलब हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और हरियाणा के ही पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र चंद्र मोहन उर्फ़ चाँद मोहम्मद से तथा उनकी महबूबा से था। मुझे नहीं लगता की उनके बारे में कुछ ज्यादा बताने की जरुरत है।
ऐसा नहीं है कि चाँद साहब अकेले ऐसे राजनेता है जिन्हें प्यार की खातिर ऐसी कुर्बानी देनी पड़ी हो। आसाम के प्रफुल्ल कुमार महंत को भी दूसरी शादी के चक्कर में ही मुख्यमंत्री की गद्दी को अलबिदा कहना पड़ा था। उत्तर प्रदेश के अमर मणि त्रिपाठी को मधुमिता से इश्क लड़ने की सज़ा अभी तक भुगत रहे है। उत्तर प्रदेश के ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कुसुम राय से सम्बन्ध जग जाहिर है। कल्याण की नाराज़गी दूर करने के लिए ही कुसुम राय को अन्य दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर राज्य सभा का सदस्य बनाया गया। संयुक्त उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के रसिक मिजाज़ को हर कोई जानता है। पर कुछ समय पहले ही रोहित शेखर ने सबके सामने आकर हतप्रभ कर दिया। रोहित का कहना है की वे तिवारी जी के पुत्र है। उनकी माँ उज्जवल शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया है की उनके तिवारी से सम्बन्ध रहे है। मेरे ख़याल से ये फेहरिस्त यहीं समाप्त नहीं होगी कुछ और किस्से हों तो मेरा मार्गदर्शन करें।

मंगलवार, दिसंबर 02, 2008

क्या करोगे दाऊद और अजहर को लेके !

मुंबई हमले के बाद लग रहा है की जैसे सब कुछ बदल जाएगा। दो पाटिल नाप दिए गए। कुछ और नप सकते है। भले ही अखबारों में हैडिंग बने कि पाटिल ने इस्तीफा दिया पर मैं इसे इस्तीफा नहीं मानता। मैं मानता हूँ कि इस्तीफा दिया नहीं वल्कि लिया गया है। नहीं तो एक दिन पहले वही पाटिल कहे है किमैं इस्तीफा नहीं दूँगा और अगले दिन ख़बर आती है कि पाटिल ने इस्तीफा दिया। मेरे ख़याल से ये सब नौटंकी हो रही है। सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे है। चुनाव नजदीक है इसलिये ये सब कबायद है। जिससे कि होने वाले नुक्स्सान कि कुछ हद तक भरपाई कि जा सके।
एक और बात जो मैं सनझ नहीं पा रहा हूँ वो ये कि दाऊद इब्राहीम और मसूद अजहर को लेके भारत करेगा क्या। पहली बात तो ऐसे कह देनें से ये भारत आ नहीं जायेंगे चलो मान लेते हैं कि आ जायेंगे तो इनका क्या होगा। क्या हम उन्हें फांसी पर लटका देंगेअरे जो हमारे पास हैं उसको तो हम खिला पिला कर मोटा कर रहे हैं कुछ और बुला लो उनको भी खिलाओ पिलाओ। मंदी के इस दौर में जहाँ आदमी ख़ुद ठीक से खा पी नहीं पा रहा हैं। भारत सरकार अब पाकिस्तानियों को मोटा करेगी।
मेरा माननाहैं कि जो आतंकबादी हमारे पास हैं उनका फ़ैसला करें। फ़िर आगे की बात करें। पिछले दिनों एक ख़बर आई की आगरा जेल में बंद कुछ आतंकियों ने भूख हड़ताल कर दी। जेल का पूरा अमला उन्हें बचने मैं लगा रहा। मुझे ये साब जान कर शर्म आई की जेल प्रशाशन ने उन आरंकियों को जूस पिलाया। अरे मेने दो ऐसे आतंकियों को जिन्दा रख कर उनका करना क्या हैं। फ़िर किसी दिन कोई प्लेन या बिल्डिंग हाइजैक हो जाएगी और हमारी सरकार फ़िर आतंकियों को छोड़ने चल देगी। पहले अफजल गुरु पर फ़ैसला करो। हाँ याद आया मसूद अजहर को तो हमने पकड़ लिया था। उसको कुछ दिन जेल मैं रख कर खिलाया पिलाया और फ़िर। फ़िर क्या। फ़िर हमारे माननीय गृह मानती महोदय उसे ससम्मान कंधार तक छोड़ कर आए थे। मसूद और दाऊद यहाँ आ भी जायेंगे तो क्या गारंटी की उन्हें अपने किए की सज़ा मिलेगी। सबसे पहले जो आतंकी हमारे पास हैं उन्हें सज़ा दीजिये उसके बाद आगे की बात कीजिए

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