शनिवार, फ़रवरी 19, 2011
आगाज, चौका, छक्का और जीत
विश्वकप का पहला मैच भारत ने जीत लिया। इस जीत में कई नई और अनोखी चीजें देखने को मिलीं। भारत की पारी जब ३७० रन पर खत्म हुई तो भारत की जीत पक्की हो गई थी, लेकिन जब बांग्लादेश के शेर मैदान पर उतरे तो लगा कि कहीं पांसा पलट न जाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैच भारत ही जीता।
इस मैच की खास बात यह रही कि भारत के वीरेंद्र सहवाग ने पहली गेंद का सामना किया और उस पर चौका जड़कर अपने विजयी अभियान की शुरुआत की। यही नहीं वीरेंद्र सहवाग ने ही इस विश्वकप का छक्का लगाया। सहवाग की वह बल्लेबाज रहे जिन्होंने इस विश्वकप का पहला शतक लगाया। हालांकि इसके बाद विराट कोहली ने भी शतक लगाया। इस मायने में आगे रहे कि उन्होंने विश्वकप के अपने पहले ही मैच में शतक लगा दिया। जो अपने आप में अनोखी बात है।
इस मैच में एक खास मंजर उस समय देखने को मिला जब सहवाग आंशिक रूप से घायल हो गए और गंभीर उनके रनर के रूप में मैदान पर आए। उस समय बांग्लादेश के मीरपुर के मैदान पर दिल्ली के तीन खिलाड़ी दिखाई दिए। इस दौरान तीनों हिन्दी वाली हिन्दी में बात करते भी सुने गए। ऐसा मौका कम ही आता है जब एक ही शहर के तीन खिलाड़ी मैदान पर दिखें।
सहवाग ने विश्वकप शुरू होने से पहले ही यह बता दिया था कि वे पूरे ५० ओवर मैदान पर टिकना चाहते हैं और इस बार उन्होंने इसके लिए प्रयास भी खूब किए। यह बात दीगर रही कि वे ४८वें ओवर में ही आउट हो गए। लेकिन इससे यह बात साफ हो गई है कि सहवाग अपने कहे पर अमल कर रहे हैं और यह विश्वकप उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। उनकी चाहत है कि इस विश्वकप में वे अपने गुरु सचिन को तोहफा दें। जब सचिन रन आउट हुए तभी से लगा कि उन्होंने सचिन की जिम्मेदार अपने ऊपर ओढ़ ली है। पता ही नहीं चला कि सचिन आउट हो गए हैं। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अगर सहवाग पूरे पचास ओवर मैदान पर टिकेंगे तो अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पाएंगे सहवाग ने इस पारी से दिखा दिया कि ऐसा नहीं है। जब तक वे क्रीज पर रहेंगे रन आते रहेंगे और तेजी से आते रहेंगे। अब मुझे लगाता है ऐसे लोगों शान्त हो जाना चाहिए।
अब बात जीत और हार की। एक बात गौर करें तो पाएंगे कि बांग्लादेश भले हार गया हो लेकिन उन्होंने यह दर्शा दिया है कि आगे जिन टीमों से उनका मुकाबला होगा वे सचेत हो जाएं। अगर कोई बांग्लादेश को हल्के में ले रहा है तो वह किसी मुगालते में न रहे। हालांकि इस बीच एक और बात सामने आई कि भारत को यहां गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है।
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