उदभावना के सभी पाठकों को मेरी ओर से होली की हार्दिक शुभकामनाएं। आप भी यहां टिप्पणी कर मुझे बधाई दे सकते हैं। इस बार की होली मैं चंडीगढ में मना रहा हूं। पिछले साल जलंधर में था। होली पर एक आलेख लिखने का मन है लेकिन समय के अभाव के कारण फिलहाल ऐसा नहीं कर पा रहा हूं। दरअसल हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ में कुछ विवाद के कारण काम कुछ ज्यादा है इसलिए व्यस्ता है। लिखना सचिन तेंदुलकर पर भी है लेकिन बात वही। व्यस्तता। जब सचिन पर लिखने का मन हुआ तो रेल और आम बजट की वजह से ऐसा नहीं कर सका।पर इतना जरूर कहूंगा कि जल्द ही ऐसा करूंगा।एक बार फिर होली की बधाई।
2 टिप्पणियां:
sachin ke upar likhen , lakin jab likhen kam se kam 5 din study karke likhen. jab bhi koi kam bina kisi chah ke kiya jata hai sirf dil ke liye to usese sachin jaisa mahan admi banata hai, sachin ke papa ne use yah soch ker bat or boll nahi dilaye the ki ek din vah itna mahan banega , balki unhone yah soch karke diye honge ki vah aj khush rahega .
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए तो
तो होठ घुमा सिटी बजा सिटी बजा के
बोल भैया "आल इज वेल"
हेपी होली .
जीवन में खुशिया लाती है होली
दिल से दिल मिलाती है होली
♥ ♥ ♥ ♥
आभार/ मगल भावनाऐ
महावीर
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
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