कल रात ऑफिस से आकर इलाहाबाद एक मित्र को फ़ोन किया। कुछ देर इधर उधर की बात हुई उसके बाद मित्र ने पूंछही लिया की यार ये राधा मोहन का किस्सा क्या है। राधा मोहन से उसका मतलब हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और हरियाणा के ही पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र चंद्र मोहन उर्फ़ चाँद मोहम्मद से तथा उनकी महबूबा से था। मुझे नहीं लगता की उनके बारे में कुछ ज्यादा बताने की जरुरत है।
ऐसा नहीं है कि चाँद साहब अकेले ऐसे राजनेता है जिन्हें प्यार की खातिर ऐसी कुर्बानी देनी पड़ी हो। आसाम के प्रफुल्ल कुमार महंत को भी दूसरी शादी के चक्कर में ही मुख्यमंत्री की गद्दी को अलबिदा कहना पड़ा था। उत्तर प्रदेश के अमर मणि त्रिपाठी को मधुमिता से इश्क लड़ने की सज़ा अभी तक भुगत रहे है। उत्तर प्रदेश के ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कुसुम राय से सम्बन्ध जग जाहिर है। कल्याण की नाराज़गी दूर करने के लिए ही कुसुम राय को अन्य दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर राज्य सभा का सदस्य बनाया गया। संयुक्त उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के रसिक मिजाज़ को हर कोई जानता है। पर कुछ समय पहले ही रोहित शेखर ने सबके सामने आकर हतप्रभ कर दिया। रोहित का कहना है की वे तिवारी जी के पुत्र है। उनकी माँ उज्जवल शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया है की उनके तिवारी से सम्बन्ध रहे है। मेरे ख़याल से ये फेहरिस्त यहीं समाप्त नहीं होगी कुछ और किस्से हों तो मेरा मार्गदर्शन करें।
2 टिप्पणियां:
aap to journalit hai, khabr ka koi kami hai nahi, aap ke pass
bhai shahab aap ne dik lika hai vakai bhadas valo ke paas jankari aduri rahti hai shayad aap ne ek kahavat suni hogi ki adh jal gagari chhalkat jay . bas bhadas vale vahi hai. dusharo ke ghar me tak jhang karte to hai lekin mitra dik se bhadas valo ko dikhai nahi deda .
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