ब्लाग वाणी के बंद होने का समाचार मिला। सुनकर एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन जब खुद जाकर देखा तो विश्वास करना ही पडा, न करता तो क्या करता। ब्लागवाणी के जाने का गम तो बहुत है पर क्या करूं। हालांकि बंदी का जो कारण बताया गया वो समझ से परे था। ब्लाग वाणी के माध्यम से न जाने कितने ही लोगों को अपनी आवाज बुलंद करने का सुअवसर मिला था। उन सबसे एक माध्यम छिन गया है। इसके लिए किया क्या जा सकता है बस दुख ही प्रकट किया जा सकता है और यह प्रणा लिया जा सकता है कि आगे से ब्लाग के किसी अन्य माध्यम को कदापि बंद नहीं होने देंगे।
कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे ब्लागरों की सेहत पर बहुत गलत असर पडेगा बात सही है लेकिन यह बात मैं मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं कि इसके बाद अन्य ब्लाग भी बंद हो जाएंगे। हालांकि सच कहूं तो अभी भी मन करता है कि कोइ कह दे कि नहीं ब्लाग वाणी बंद नहीं हुआ वह सब बस एक मजाक भर था पर ऐसा हो नहीं सकता।
कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे ब्लागरों की सेहत पर बहुत गलत असर पडेगा बात सही है लेकिन यह बात मैं मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं कि इसके बाद अन्य ब्लाग भी बंद हो जाएंगे। हालांकि सच कहूं तो अभी भी मन करता है कि कोइ कह दे कि नहीं ब्लाग वाणी बंद नहीं हुआ वह सब बस एक मजाक भर था पर ऐसा हो नहीं सकता।
3 टिप्पणियां:
ब्लॉगवाणी का जाना बेहद दुखद एवं अफसोसजनक.
हिन्दी ब्लॉगजगत के लिए यह एक बहुत निराशाजनक दिन है.
संचालकों से पुनर्विचार की अपील!
विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपकी इस उद्भावना में ही है मिली मेरी भावना भी !
blogvanni ke band hone se thoda duka huya. lekin aap ki udbhavana se iski kami puri hogi aisi aasa hai.
एक टिप्पणी भेजें