गुरुवार, सितंबर 24, 2009

थरुर को चाहिए सिनकारा

बात यहीं से शुरु करता हूं। शाशि थरुर साहब का कहना है कि वे काम के बोझ के मारे हैं। सोशल नेटवकिग साइट टिवटर पर थरुर साहब लिखते हैं कि बुधवार को उनका १७ बैठकों और मुलाकातों का बेतुका कायकज़म था। वे यहीं नहीं रुके आगे बोले कि जब आप विदेश से वापस आते हैं तो हमेशा उसकी कीमत अदा करते हैं। इस दोरान थरुर साहब ने आफिस में पडी फाइलों का भी जिक किया। वे करीब एक हफते तक आफिस से गैर हाजिर थे। आप जानते ही होंगे कि शशि थरुर साहब भारत के विदेश राजय मंञी हैं। थरुर साहब काम के बोझ के मारे हैं। लेकिन एक बात गौर करिये वे टिवटर पर लिखना नहीं भूलते। इसके लिए समय निकाल ही लेते हैं। मेरी यह समझ में नहीं आता कि थरुर साहब से लोकसभा चुनाव लडने के लिए किसने कहा था। किसी ने नहीं कहा। चलिए मान लेते हैं लेकिन जीतने के बाद उनसे मंञी बनने के लिए किसने दवाब डाला। किसी ने नहीं तो वे मंञी कयों बन गए। अरे अगर काम करने का मन नहीं था तो मंञी बनने की कया जरुरत थी। अभी भी मन नहीं है तो इसतीफा कयों नहीं दे देते। किसी ने रोका हो तो उसका नाम बताइये। आप देश के विदेश राजय मंञी के पद पर बैठे किसी वयकित से इस तरह के बयान की उममीद कैसे कर सकते हैं। उनके बयान से तो एसा लगता है कि वे काम करके किसी पर अहसान कर रहे हों। अरे साहब रहने दीजिए मत काम कीजिए। िबला वजह परेशान कयों हो रहे हैं। आप टिवटर पर ही अचछा लिखते हैं वहीं लिखये जैसे मैं बलाग पर अचछा लिखता हूं। और हां अगर मंञी पद नहीं छोडना जो नहीं ही छोडना होगा तो आपको चाहिए सिनकारा। है न।

5 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

kya baat hai pankaj ji bahut khoob likha aap \ne. mai aapki baat se sahmat hoon. isi tarah apni bebaak ray dete rahaye. shub kamnaye

Unknown ने कहा…

pankaj ji namaskar. aap ki Tharur ke sambandh me tippri ko padha. sach me maza aa gaya. Vaise mujhe to lagta hai ki tharur ko hi nahi sabhi netaon ko sinkare ke zarurat hai. aap ke lekh ke liye hardik badhai. aap yunhi apni be baak lekhan jaari rakhen.
shashank

sandeep dwivedi ने कहा…

priya pankaj g aap insan ki bhavna ko samajhte huye baat kare to behtar hoga. koi mantri hai ya pradhan mantri hai ya phir rashtrapati. har aadmi k kam karne ki ek seema hoti hai. mera to man na hai ki kam k bajh se mantri g ko yah ehsas to hua ki ek aam admi ko apni aajivika kamane ke liye kitna sangharsh karna pad raha hai. mantri g logo k adhikaro k liye kuchh kam kare. is sambandh me ek kahawat charitarth hai ki jake pair na phate bivai so ka jane peer parai.

Batangad ने कहा…

पंकज बढ़िया लिखा है। दरअसल ये भारतीय राजनीति की abcd तक नहीं जानते और सीधे बन गए मंत्रीजी

Neeraj Mishra ने कहा…

bhai ko Ram-ram
aaj bahut dino ke baad aap ka blog mil hi gaya. karan main blog bhool gaya tha. aap to main badhai deta hoon. ki aap sabka bada khayal rakhte hain. hamesha phone receive kar lete hain. SMS karna to aap bhoolte hi nahi hai. itni khoobi ke baad main ab bhi aapke phone no. ka Intjaar kar raha hoon.

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